भारत में फेक न्यूज और वीडियो के अफवाह से कई जगह हिंसा की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने व्हॉट्सएप को जल्द से जल्द कदम उठाने को कहा था. इस संबंध में पिछले हफ्ते सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने व्हॉट्सएप से ज्यादा जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए कहा था. साथ ही कहा था कि सरकार इस मामले फर्जी खबर फैलाने के लिए उपयोग किए जाने वाले मंच को सहन नहीं करेगी. सरकार की बात मानते हुए व्हॉट्सएप ने आज ही एक नया फीचर लॉन्च किया है जिसमें यूजर्स को आसानी से पता चल जाएगा कि कौन सा मैसेज सही है और कौन सा गलत. वहीं इस देखते हुए यूट्यूब ने कुछ दूसरी कंपनियों की मदद से कुछ ऐसा ही फीचर लॉन्च किया है. तो चलिए जानते हैं कि आप भी इन दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल फेक न्यूज से लड़ने के लिए कैसे उठा सकते हैं.
व्हॉट्सएप कई दिनों से फेक मैसेज और गलत जानकारी को लेकर संघर्ष कर रहा था. जिसे देखते हुए व्हॉट्सएप ने आखिरकार ये कदम उठाया है. दरअसल व्हॉट्सएप में इस फीचर को लाना काफी मुश्किल था क्योंकि व्हॉट्सएप के सारे मैसेज एंड टू एंड एनक्रिप्टेड होते हैं.
व्हॉट्सएप के इस नए फीचर के जरिए अब सेंडर अगर कोई भी मैसेज भेजता है तो आप आसानी से ये पता कर सकते हैं कि उस मैसेज में लिखी बात झूठी है या सच्ची. इसके लिए ऊपर दिए गए इमेज पर एक नजर डालिए. अगर आपके किसी रिश्तेदार, दोस्त, कलीग ने आपको मैसेज भेजा है और उसमें कोई भी बदलाव न करके सीधा आपको मैसेज फॉरवर्ड कर दिया है तो मैसेज के ऊपर आपको ‘फॉरवर्ड‘ लिखा हुआ आएगा. तो वहीं अगर सेंडर ने उस मैसेज में कुछ बदलाव किया होगा तो ऊपर ‘क्रिएटेड‘ लिखा आएगा.
इस फीचर का सबसे बड़ा फायदा उन यूजर्स को होगा जो बिना देखे मैसेज को आगे बढ़ा देते थे और जिससे हिंसा और अफवाह बढ़ने का खतरा और बढ़ जाता था. इस फीचर को रोलआउट कर दिया गया है और जल्द ही ये आपके फोन में भी आ जाएगा.
कंपनी ने सोमवार को कहा कि यह इंवेस्टमेंट मीडिया की मदद करने और फेक न्यूज रोकने हमने एक फीचर लॉन्च किया है. यह इंवेस्टमेंट कंपनी की तरफ से मार्च में शुरू किए गए गूगल न्यूज इनीशिएटिव का हिस्सा होगा. इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि वह अपने यूजर्स को अफवाहों से बचाने के लिए एक सीरीज भी जारी करेगी. आने वाले दिनों में जब अमेरिकी यूजर्स ब्रेकिंग न्यूज के लिए यूट्यूब पर सर्च करेंगे तो वे समाचारों के संक्षिप्त अंश के साथ-साथ कई मीडिया लिंक भी देख सकेंगे. इसके अलावा विवादास्पद मुद्दों और वीडियोज के साथ यूट्यूब, विकीपीडिया या इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका का लिंक भी दिखाएगा, जिससे यूजर्स उन मुद्दों को और बेहतर तरीके से समझ सकें.
यूट्यूब ने इसके लिए कई कंपनियों के साथ साझेदारी की है जिसमें वॉक्स मीडिया, जोवम पैन, इंडिया टुडे और पूरी दुनिया के एक्पर्ट्स् जुड़े है जिनकी मदद से यूट्यूब पर न्यूज एक्पीरियंस को और बेहतर बनाया जा सकेगा.
इंकॉग्निटो मोड की अगर बात करें तो इस मोड के जरिए आप यूट्यूब में कुछ भी देख सकते हैं जिसके बाद आप जैसे ही इस मोड से बाहर आएंगे आपका सर्च हिस्ट्री अपने आप ही डिलीट हो जाएगा. इस मोड में आप होम वीडियो और ट्रेंडिंग वीडियो को जरूर देख सकते हैं लेकिन प्लेलिस्ट में किसी वीडियो को एड करने के लिए आपको इस मोड से बाहर निकलना पड़ेगा. इस मोड को पाने के लिए आपको अपने अकाउंट पर टैप करना होगा जहां आपका नाम आता है. अकाउंट पर टैप करते ही आप देखेंगे की कई सारे ऑप्शन में इंकॉग्निटो मोड का भी आप्शन होगा जिसका इस्तेमाल आप कर सकते हैं.
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