कभी सोचा है आपके हैडफ़ोन के तार हमेशा क्यों उलझ जाते है.

1/5 दुनिया जूझ रही है इस समस्या से

आज की तारीख में मोबाइल का इस्तेमाल करने वाला हर शख्स ईयर फोन या हैडफ़ोन के तारों की उलझन से परेशान रहता है. हम चाहे लाख कोशिश कर ले लेकिन बैग या पॉकेट में रखे हैडफ़ोन के तार उलझ ही जाते है. कई बार तो उसमें ऐसी गांठे बन जाती है कि सुलझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. हद तो तब हो जाती है जब कई बार पार्क में दौड़ लगाते या चलते हुए बात करने पर भी तार उलझ जाते है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?



2/5 यह आपकी गलती नहीं, विज्ञानं है. 


पहली बात तो यह है कि हैडफ़ोन के तार का उलझना, आपकी या हमारी गलती नहीं है. असल में इसके पीछे विज्ञानं है और ऐसा होना लगभग तय है. साल 2012 की बात है यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया के दो विज्ञानियों इस पर शोध करने की सोची.


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इसके लिए उन्होंने नॉट थ्योरी यानि गांठ के सिधान्द्त का अध्ययन किया. अध्ययन के लिए उन्होंने अलग-अलग लम्बाई के कई तार लिये और उन्हें प्लास्टिक के एक बक्से में रखा.

3/5 10 सेकंड के भीतर पड़ जाते है गांठ.


बक्से को वह समय समय पर घूमाते रहे. नतीजा चौकाने वाला था.  बक्से के अंदर के तार खुद व खुद उलझ गये इससे भी जायदा हैरान करने वाली ये बात थी की तारों की गांठ 5-10 बार घुमाने के दौरान 10 सेकंड के अंदर ही गांठ पड़ गई. इसका मतलब ये हुआ कि यदि आप बैग में हैडफ़ोन रखते है तो कुछ कदम चलने के अंदर ही उसके तार आपस में उलझ जाते है या उनमे गांठ पड़ जाती है.

तारों की लम्बाई से भी इस क्रिया में फर्क पड़ता है. मसलन यदि तार लम्बें है तो उसमे गाँठ जल्दी पड़ेगी. तार जितने मुलायम होगे उनमे गांठ पड़ने की संभावना उतनी जायदा और उतनी ही जल्दी होगी. हालाँकि इस अध्ययन के आधार पर विज्ञानियों ने कुछ ऐसे सुझाव भी दिये जिससे तारों के बीच गांठ ना पड़े.



4/5 ये तरीका अपना सकते है आप.


 पहला सुझाव : हैडफ़ोन को सही तरीके मोड़कर छोटे से छोटे बॉक्स या पाउच में रखें. ध्यान रहे कि इतना छोटा हो कि हिलने-डुलने की जगह न हो यानि वह हिलेंगे नहीं तो उलझेंगे नहीं.

5/5 या ऐसे रख सकते है सुरक्षित.


दूसरा सुझाव : हैडफ़ोन के तार को गत्ते के टुकड़े या किसी तार को आपस में ही किनारे से लपेटने के बाद किसी छोटे बॉक्स में रखें. ऐसा करने के बाद भी आपास में नहीं उलझेंगे.

वैसे यदि इन सब से भी बात नहीं बने तो परेशान न हो. बाजार में हर कीमत पर वायरलेस हैडफ़ोन भी आ गये है. लिहाजा अगली बार गांठ सुलझाते वक्त परेशान या चिड़चिड़ेपन से बचें. यह आपकी गलती नहीं, विज्ञानं है. 
ऐसी रोचक जानकारी को शेयर जरुर करें जिससे दूसरों को भी पता चल सकें.

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